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‘ईरान के परमाणु ठिकाने बर्बाद हुए हैं’, अराघची के बयान पर ट्रंप का पलटवार, दिखाए कड़े तेवर

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Posted On:Wednesday, July 23, 2025

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बयान को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा पलटवार किया है। अराघची ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। यह पहली बार था जब ईरान की तरफ से हमलों में हुए नुकसान को खुलेआम स्वीकार किया गया। इस बयान के बाद ट्रंप ने न केवल ईरान पर कड़ी चेतावनी जारी की बल्कि कई मीडिया हाउसों को भी आड़े हाथों लिया।

ट्रंप का ईरान को कड़ा संदेश

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि ईरान के परमाणु ठिकाने अमेरिका की बमबारी में पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर ईरान ने फिर से परमाणु संयंत्रों को चालू करने की कोशिश की या परमाणु हथियार बनाने का प्रयास किया तो अमेरिका फिर से सैन्य कार्रवाई करेगा। ट्रंप का यह बयान साफ संकेत था कि अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी भी प्रकार की ढील नहीं दिखाएगा और इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा।

मीडिया हाउसों को फटकार

ट्रंप ने खासकर अमेरिकी टीवी चैनल CNN को निशाने पर लिया। उन्होंने CNN पर आरोप लगाया कि वे गलत खबरें फैलाते हैं और फर्जी रिपोर्टर नियुक्त किए हुए हैं। ट्रंप ने कहा कि CNN को उन रिपोर्टर्स को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए जो झूठी रिपोर्टिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि उनसे और उन पायलटों से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट किया। साथ ही उन्होंने CNN और MSNBC की गिरती रेटिंग का भी जिक्र किया और कहा कि ये चैनल अब अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का बयान

अराघची ने अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि अमेरिकी हमलों से ईरान के परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा और परमाणु हथियार बनाने की दिशा में अपने प्रयास नहीं रोकेंगे। इस बयान में पहली बार ईरान ने अपनी कमजोर स्थिति स्वीकार की, जो अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है।

अमेरिका-इजरायल के हमले की पृष्ठभूमि

12 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इजरायल का मकसद था कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोके। अमेरिका ने भी इस हमले का समर्थन किया। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर भी हमला किया, जिससे करीब 12 दिनों तक दोनों देशों के बीच तनाव और लड़ाई जारी रही।

इस बीच अमेरिका ने भी अपने सैन्य बलों से ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को बमबारी कर नष्ट कर दिया। इसके जवाब में ईरान ने अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने परमाणु कार्यक्रम को पुनः शुरू किया या परमाणु हथियार बनाए तो फिर से सैन्य कार्रवाई की जाएगी।

कतर की मध्यस्थता और सीजफायर

तगड़ी लड़ाई और बढ़ते तनाव के बीच, कतर की मध्यस्थता से ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर कराया गया। इस सीजफायर से दोनों पक्षों में अस्थायी शांति स्थापित हुई, लेकिन दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी अभी भी बरकरार है।

निष्कर्ष

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का बयान और उसके बाद ट्रंप का कड़ा पलटवार इस जटिल और संवेदनशील क्षेत्रीय संघर्ष को एक नई दिशा दे रहा है। ट्रंप की चेतावनी स्पष्ट करती है कि अमेरिका ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वहीं, मीडिया हाउसों के प्रति ट्रंप का तीखा रुख यह दिखाता है कि सूचना के सही और निष्पक्ष प्रसारण को लेकर विवाद भी इस मामले में गहराया है।

यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है। भविष्य में इस संघर्ष के समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करना होगा ताकि स्थायी शांति स्थापित हो सके और परमाणु हथियारों का खतरा कम किया जा सके।


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